ऐ मेरे पाँव के छालो… जरा लहू उगलो,
सिरफिरे मुझसे सफ़र के निशान माँगेंगे।
ऐ मेरे पाँव के छालो… जरा लहू उगलो,
सिरफिरे मुझसे सफ़र के निशान माँगेंगे।
जिन जख्मो से खून नहीं निकलता समझ लेना
वो ज़ख्म किसी अपने ने ही दिया है।
वो मिली भी तो क्या मिली बन के बेवफा मिली,
इतने तो मेरे गुनाह ना थे जितनी मुझे सजा मिली।
मैंने तुझे उस वक़्त चाहा
जब तेरा कोई नहीं था और
तूने मुझे उस वक़्त छोड़ा
जब तेरे सिवा मेरा कोई न था
सिर्फ हम ही जानते हैं इस दिल की बेकरारी,
हमें जीने के लिए तुम्हारी जरुरत है
सांसों की नहीं.
आज भी मेरे बदन से आती है तेरे ही सांसों की महक,
तेरे बाद किसी को सीने से लगाया नहीं हमने!!
होता होगा तुम्हारी दुनियाँ में गहरा समंदर।
हमारे यहाँ इश्क़ से गहरा कुछ भी नहीं।।
भर जायेंगे ज़ख़्म भी तुम ज़माने से ज़िक्र ना करना, अब ठीक हूँ मैं तुम मेरे दर्द की फ़िक्र ना करना..
काश😞 हमारा 🙋🏻♀भी कोई #वफ़ादार🤝🏽 यार😋 होता #सीना👉🏽 तान💪🏽 कर चलते #बेवफ़ाओं 💔की गलियों 🛤में
किसी☝🏽 का दिल❤ #दुखाने 💔के बाद #बेहतर👌🏼 होगा
के तुम👆🏻 भी #अपनी बारी😔 का #इंतज़ार 🙇🏻♀करो.