शरीफ है हम किसी से लड़ते
नहीं पर जमाना जानता है
किसी के बाप से डरते नहीं।
शरीफ है हम किसी से लड़ते
नहीं पर जमाना जानता है
किसी के बाप से डरते नहीं।
यह जमाना जलता है
हमसे, हम और जलाएंगे
हमारे पहले भी दुश्मन थे
हम और बनाएंगे
अगर मै छोड़ दूँ अपनी पागलपंथी तो फिर
उनका क्या होगा
जिन्हें मेरे पागलपन से प्यार है …
कौन कहता है तेरी खूबसूरती में दम है ?
लोग तुझे इसलिए देखते हैं क्योकि तेरे
आशिक हम हैं ….
इज्जत दोगे तो इज़्ज़त पाओगे,
अकड दिखाओगे तो
मेरा कुछ नही उखाड पाओगे
दिल में मोहब्बत का होना ज़रूरी है,
वरना याद तो रोज दुश्मन भी किया करते हैं।
अंजाम की परवाह होती तो
हम मोहब्बत करना छोड़ देते
मोहब्बत में तो जिद्द होती है
और जिद्द के बड़े पक्के हैं हम
अक्सर वही लोग उठाते हैं हम पर उंगलियाँ,
जिनकी हमें छूने की औकात नहीं होती।
वो खुद पे इतना गुरूर करते हैं,
तो इसमें हैरत की बात नहीं,
जिन्हें हम चाहते हैं,
वो आम हो ही नहीं सकते।
हम तो बदनाम हुए कुछ इस कदर;
कि पानी भी पियें तो लोग
शराब कहते हैं.