आँखें थक गई है आसमान को देखते देखते
पर वो तारा नहीं टूटता ,जिसे देखकर तुम्हें मांग लूँ
आँखें थक गई है आसमान को देखते देखते
पर वो तारा नहीं टूटता ,जिसे देखकर तुम्हें मांग लूँ
अब मोहब्बत नही रही इस जमाने में, क्योंकि लोग
अब मोहब्बत नही मज़ाक किया करते है इस जमाने में।
🔹क्या है हमारी औकात हमने बतलाना छोड़ दिया,
भोलेनाथ जब से हम डूबे तेरी दीवानगी में
तो मौत ने भी हम से टकराना छोड़ दिया!!
#जय भोलेनाथ
जब इंसान सफल होने लगता है,
तब इंसान खुश नही होते हैं,
बल्कि जलने लगते हैं।
जिस के होने से मैं खुद को मुक्कम्मल मानता हूँ,
मेरे रब के बाद मैं बस अपने माँ-बाप को जानता हूँ।
तुम मिल गए तो मुझ से नाराज है खुदा,
कहता है कि तू अब कुछ माँगता नहीं है।
अल्फाज़ तो बहुत है मोहब्बत को जताने के लिए !
जो मेरी खामुशी नहीं समझ सका
वो मेरी मोहब्बत क्या समझे गा !!
अनजान थे हम अनजान ही रहने दो,
किसी की यादों में हमें पल पल यूँ ही मरने दो,
क्यों करते हो बदनाम लेकर नाम हमारा,
अब तो इस नाम को गुमनाम रहने दो।
आपको मानवता में विश्वास नहीं खोना चाहिए।
मानवता सागर के समान है,
यदि सागर की कुछ बूंदे गंदी हैं,
तो पूरा सागर गंदा नहीं हो जाता।
देवी मां के कदम आपके घर में आएं,
आप खुशी से नहाएं
परेशानियां आपसे आंखें चुराए
नवरात्रि की आपको ढेरों शुभकामनाएं
।। जय माता दी ।