आंखों के रास्ते दिल में उतर कर नही देखा,
तूने मेरे सीने में अपनी यादों का घर नही देखा,
तेरे इश्क की वहशत ने पागल बना दिया है मुझे,
तेरी गलियों की खाक के सिवा मैंने कुछ नही देखा!
आंखों के रास्ते दिल में उतर कर नही देखा,
तूने मेरे सीने में अपनी यादों का घर नही देखा,
तेरे इश्क की वहशत ने पागल बना दिया है मुझे,
तेरी गलियों की खाक के सिवा मैंने कुछ नही देखा!